वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

Image
*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...

देश बचाओ , मुद्दों पर आओ



कुछ मजहबी दरिंदो से मजहब
बचाने कि सोचते है,
चंद आजाद अमीर लोगों से गरीब गुलामों को छुड़ाने की सोचते है,

आजकल के नेता जो जाती धर्म के नाम पर वोट बढ़ाने की सोचते हैं।
हम है की शिक्षा और रोजगार फैलाने की सोचते हैं


वो हमे तोड़ (धर्म जाति में बांट) कर बखेरने की सोचते है
हम है की बिखरे कांचों को भी जोड़ने की सोचते हैं।

वो सोचते है सिर्फ आकाश में नारे उछालने की
हम है की जड़े पाताल तक ले जाने की सोचते है

अगर उलझना को चाहे कोई तुमसे "आशी"
तो याद रखना कि हम भगत कि तरह खेतों में बंदुखे उगाने की सोचते हैं।

आशीष कुमार आशी
 तहसील पच्छा द , जिला सिरमौर , हिमाचल प्रदेश।
माकपा जिला कमेटी सदस्य
9816163211
7018777397

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

नही हो कोई भी मिनी आंगनवाड़ी केंद्र बंद, सभी को किया जाये अपग्रेड* :--सीटू

वंदना अध्यक्ष और श्यामा महासचिव और किरण भंडारी बनी प्रोजेक्ट पछाद की कोषाध्यक्ष*

तीन माह से केंद्र से नहीं मिल रहा मानदेय, और पोषण ट्रैकर और टी एच आर के लिए हर माह ओ टी पी के नाम पर लाभार्थी भी करते है प्रताड़ित*