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Showing posts from August, 2025

जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

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 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

*सीटू जिला सिरमौर का 14वां जिला सम्मेलन शुरू*

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*सीटू जिला सिरमौर का 14वां जिला सम्मेलन शुरू* 23 से 24 अगस्त चलेगा ये सम्मेलन, दो दिनों मे मजदूर वर्ग के मुद्दों पर होगी विस्तृत चर्चा आज सीटू जिला सिरमौर का 14वां जिला सम्मेलन जिला परिषद मीटिंग हॉल में शुरू हुआ। इस सम्मेलन में अलग-अलग यूनियन से 100 डेलिगेट ने भाग लिया।सीटू राज्य महासचिव कामरेड प्रेम गौतम ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने संबोधन में मजदूर वर्ग के अधिकारों की रक्षा और उनके हितों के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया सीटू जिला महासचिव आशीष कुमार ने पिछले तीन  वर्षों की रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन्होंने मजदूर वर्ग की समस्याओं, उनके संघर्षों और सीटू की गतिविधियों का विस्तृत विवरण दिया। इस सम्मेलन का मुख्य उदेश्य - मजदूर वर्ग के अधिकारों की रक्षा करना - मजदूर वर्ग के हितों के लिए संघर्ष करना - सीटू की गतिविधियों को मजबूत करना।  - मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड़   पर होगी चर्चा सीटू जिला सिरमौर ने मजदूर वर्ग से अपील की है कि वे अपने अधिकारों के लिए एकजुट हों और संघर्ष करें। सीटू ने कहा है कि वह मजदूर वर्ग के हितों के लिए हमेशा संघर्ष करती रहेगी [1]।

वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

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*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...