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Showing posts from June, 2020

वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

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*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...

*आखिर भारत में क्यों नहीं होता जातीय भेद और ब्राह्मणवादी (मनुवादी) वर्चस्व के खिलाफ अमेरिका जैसा प्रतिरोध?*

*आखिर भारत में क्यों नहीं होता जातीय भेद और ब्राह्मणवादी (मनुवादी) वर्चस्व के खिलाफ अमेरिका जैसा प्रतिरोध?* सुरेश कुमार   हमीरपुर ट्रेड यूनियन सीटू से सम्बंधित अक्सर हमारे यहां मिडिल क्लास के इंजिनियरिंग, मेडिकल, साइंस, मैनेजमेंट के डिग्रीधारी बात बात में भारत की तुलना अमेरिका से करते नहीं थकते, और पूरी कोशिश करते हैं कि वे या उनके बेटे- बेटियां यहां से डीग्री लेकर अमेरिका में नौकरी पा जायें और मौका मिले तो वहीं बस जाये, सक्षम लोग मौका मिलते ही यही करते हैं , जिनके बेटे बेटी ऐसा करने मे सफल हो जाते हैं उनके मां बाप यहां अपने को सुपर नागरिक का स्वयं दर्जा देकर औरों से सुपर बनने का व्यवहार करने लगते हैं और हमारा मूर्ख समाज उन्हें यह मान्यता दे भी देता है। निजी तौर पर अमेरिका और उसका कथित जनतंत्र अपन जैसे लोगों की कभी पसंद नहीं रहे। भले ही तकनीकी विकास वहां पर दुनियां में सर्वश्रेष्ठ है। कुल के वावजूद जब हम भारत से तुलना करते हैं तो अमेरिकी समाज वाकई तरक्की-पसंद नजर आता है।इसलिये नहीं कि वहां तकनिकी विकास ज्यादा है बल्कि वहां पर मानव मूल्यों की कीमत भी दुनियां में सबसे ज्य...