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Showing posts from December, 2022

जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

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 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

अवसर की समानता और बाबा साहब का सपना*

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आशीष कुमार  राज्य सह संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच हिमाचल प्रदेश एवम केंद्रीय कमेटी सदस्य दलित शोषण मुक्ति मंच आज  बाबा साहब का 67 वां महापरनिर्वाण दिन   है। आज के दिन खास कर इस बार हर दल अम्बेडकर जी के सपनो का भारत बनाने की बात करंगे और बेशुमार वायदे भी करेंगे, और उनके विचारों  पर चलने की अपील भी करेंगे ,ऐसा लाजमी भी है, परन्तु आज  देश में   लोकतंत्र की हत्या का दौर चला है  ,और मौजूदा व्यवस्था में  संविधान  बचाने के लिए हम मौजूदा सरकार से सवाल भी खड़े करने की हिम्मत नही कर पा रहे है। आज के दिन  वो लोग भी अम्बेडकर महापरिनिर्वाण की  जयंती पर माला अर्पण करते है जिनको इस देश के संविधान से कोई खास लगाव नही है ,  अपितु वह लोग हर जगह संविधान की धज्जियां उड़ाते रहते है।  जाने अनजाने हम किसी न किसी रूप में  उन लोंगो को ही  बढ़ावा दे रहे है जो कि अम्बेडकर जी के विचारों से कोई वास्ता नही रखते है या ऐसा कह सकते है  बाबा साहब की विचारधारा के बिल्कुल विपरीत है, आज  विचारों की क्या विषमताएं है  कुछ  मह...