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Showing posts from July, 2025

वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

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*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...

हमीरपुर के बड़सर में अनुसूचित जाति वर्ग को अंतिम संस्कार करने से रोकना शर्मनाक

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  दलित शोषण मुक्ति मंच, जिला  सिरमौर   हमीरपुर जिले के बड़सर में कड़सई  पंचायत में  एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति के अंतिम संस्कार को लेकर हुए विवाद की निंदा करते हैं। मंच के संयोजक आशीष कुमार , सह संयोजक अमिता चौहन,  जिला कमेटी सदस्य राजेश तोमर,सतपाल मान,जगदीश पुंडीर,नैन सिंह ,अनिता,अमर चंद ने कहा की  यह घटना मुख्यमंत्री के गृह जिले में होना शर्मनाक है जो समाज में व्याप्त जातिवादी मानसिकता को दर्शाती है। आहीश कुमार ने कहा की ये मात्र एक घटना  एक हमीरपुर की है नही है बल्कि हिमाचल प्रदेश में आज भी अनुसूचित जाति वर्ग मे लोग  प्रतिदिन इस तरह के शोषण के शिकार होते रहते है । कभी शादी विवाह में अपमानित  किया जाता है तो कभी  स्कूल परिसर  मे छात्रों  तक को अपमानित किया जाता है , दलित शोषण मुक्ति मंच ने कहा की अनुसूचित जाति वर्ग को जीते जी तो अपमान झेलना हि पड़ता है परन्तु मरणोपरान्त भी  संस्कार के लिए जमीन उपलब्ध नहीं होती। आशीष कुमार ने स्थानीय sdm  का ब्यान जिसमे कहा गया है की गाँव के लिए अलग शमशान घाट बनाया जायेगा ये ...

हिमाचल प्रदेश में मजदूरों और किसानों की एकता: एक नई दिशा की ओर* आशीष कुमार (हि०प्र०)

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 *हिमाचल प्रदेश में मजदूरों और किसानों की एकता: एक नई दिशा की ओर*              आशीष कुमार (हि०प्र०)  भारी बारिश और खराब रास्स्तों के चलते 9 जुलाई की   राष्ट्रवायापी हड़ताल के आहवाहन  पर  हिमाचल प्रदेश में मजदूरों और किसानों की एकता ने एक बार फिर से अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है।  हाल ही में हुई प्रदेशव्यापी हड़ताल में हजारों मजदूरों और किसानों ने भाग लिया, जो केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट हुए हैं। इस ऐतिहासिक  हड़ताल में मजदूर वर्ग हिमाचल के हर जिला और तहसील मुख्यालय पर इस हड़ताल का हिस्सा बने, हिमाचल प्रदेश के जिला मुख्यालयों और राजधानी  में चार लेबर  कोड के विरोध में  हजार्रो की संख्या में अलग अलग यूनियन से लोग हड़ताल में उतरे पूरे राज्य में लाल झंडो और सीटू के बैनर तले, आंगनबाड़ी ,मिड डे  मील वर्करज, निर्माण, मनरेगा मजदूर, हाइडल  का मजदूर, आउटसोर्स कर्मी, रेहड़ी फड़ी, मेडिकल कॉलेज,,108/102 कर्मचारी यूनियन, हिमाचल किसान सभा,जनवादी महिला समिति, दलित शोषण मुक्ति मंच आदि...