वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

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*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...

हमीरपुर के बड़सर में अनुसूचित जाति वर्ग को अंतिम संस्कार करने से रोकना शर्मनाक

 


दलित शोषण मुक्ति मंच, जिला  सिरमौर   हमीरपुर जिले के बड़सर में कड़सई  पंचायत में  एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति के अंतिम संस्कार को लेकर हुए विवाद की निंदा करते हैं। मंच के संयोजक आशीष कुमार , सह संयोजक अमिता चौहन,  जिला कमेटी सदस्य राजेश तोमर,सतपाल मान,जगदीश पुंडीर,नैन सिंह ,अनिता,अमर चंद ने कहा की  यह घटना मुख्यमंत्री के गृह जिले में होना शर्मनाक है जो समाज में व्याप्त जातिवादी मानसिकता को दर्शाती है। आहीश कुमार ने कहा की ये मात्र एक घटना  एक हमीरपुर की है नही है बल्कि हिमाचल प्रदेश में आज भी अनुसूचित जाति वर्ग मे लोग  प्रतिदिन इस तरह के शोषण के शिकार होते रहते है । कभी शादी विवाह में अपमानित  किया जाता है तो कभी  स्कूल परिसर  मे छात्रों  तक को अपमानित किया जाता है , दलित शोषण मुक्ति मंच ने कहा की अनुसूचित जाति वर्ग को जीते जी तो अपमान झेलना हि पड़ता है परन्तु मरणोपरान्त भी  संस्कार के लिए जमीन उपलब्ध नहीं होती। आशीष कुमार ने स्थानीय sdm  का ब्यान जिसमे कहा गया है की गाँव के लिए अलग शमशान घाट बनाया जायेगा ये कहना भी शर्मानाक है , जबकि sdm  महोदय को ये सुनिश्चित करना चाहिए की हर जाति वर्ग के लोगों का अंतिम संस्कार एक जगह हो यदि  कोई इस तरह का विरोध करता है तो उन पर कानूनी कर्रवाई अमल में लाई जाए।

दलित शोषण मुक्ति मंच मांग करता है कि: --


- *सभी श्मशान घाटों को सार्वजनिक उपयोग के लिए खोला जाएह्


*: जाति आधारित बंटे श्मशान घाटों को समाप्त किया जाए और सभी श्मशान घाटों को सार्वजनिक उपयोग के लिए खोला जाए।

- *दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई*: इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें कानून के तहत सजा दिलाई जाए।

- *समाज में जातिवादी मानसिकता को समाप्त करने के लिए काम किया जाए*: सरकार और समाज को मिलकर जातिवादी मानसिकता को समाप्त करने के लिए काम करना होगा और समाज में समरसता और भाईचारे को बढ़ावा देना होगा।


दलित शोषण मुक्ति मंच हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग करता है कि वह इस घटना का संज्ञान ले और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। साथ ही, सरकार को समाज में जातिवादी मानसिकता को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।



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