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वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

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*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...

#आखिर क्यों बर्फबारी और भारी बारिश में भी सड़कों पर था देश का मजदूर वर्ग




राष्ट्रीय आह्वान पर नाहन में ट्रेड़ यूनियनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। विभिन्न यूनियनों से संबंधित पदाधिकारी व कार्यकर्ता सुबह के समय बस स्टेंड़ नाहन में एकत्रित हुए, भारी बारिश में मजदूरों के उत्साह से पूरा बस स्टैंड लाल झंडों से लाल समंदर में तब्दील  हो गया, तमाम संगठनों के नेताओं ने सरकार की असलियत मजदूरों के सामने रख दी, मंच का संचालन सीटू के जिला कोष्ध्यक्ष आशीष कुमार ने किया जिसमें उन्होंने ने क्रांतिकारी  कविताओं से मजदूरों में जोश भर दिया। इसके बाद अलग अलग यूनियनों के नेताओं ने सरकार को जाम कर लताड़ लगाई और ये प्रण लिया की  अगर  समय रहते सरकार नहीं जागी तो सरकार को इसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे,इसके बाद डीसी  सिरमौर के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। इस दौरान सीटू के जिला महासचिव और संयुक्त समन्वय समिति के संयोजक राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश में मजदूर वर्ग व किसानों को शोषण किया जा रहा है।
मजदूरों का उतपीडऩ किया जा रहा है। केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण छोटे उद्योगों पर बुरा असर पड रहा है। महंगाई कम होने की बजाए दिनों दिन बढक़र नए किर्तीमान बना रही है। केंद्र सरकार द्वारा महंगाई को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिससे आम लोगों को राहत मिल सके। देश के महत्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है।




राजेंद्र ठाकुर ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए देश में लागू 44 श्रम कानूनों को बदला जा रहा है। सरकार आम लोगों के लिए नहीं पूंजीपतियों के लिए कार्य कर रही है। इस दौरान ट्रेड यूनियनों द्वारा प्रधानमंत्री को 15 मांगों का एक पत्र भेजा गया।
इस मौके पर  intucc के सुभाष शर्मा, aituc के महेंद्र सिंह,  व सीटू की जिला अध्यक्षा वीना शर्मा,आंगनवाड़ी की जिला कमेटी सदस्य किरण बाला ने मांग की सरकार आंगनवाड़ी वर्कर्ज और हेलपरज को सरकारी कर्मचारी घोषित करे, इसके अतिरिक्त, शीला  सुखविंद्र सिंह, जोगी राम, बलदेव सिंह, जागर सिंह, लता शर्मा, राम सिंह, बंसी लाल, विजय, सुनिल व राम सिंह सहित विभिन्न यूनियनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।





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