वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

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*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...

33 करोड़ देवी देवताओं और उनके सेनापति पर भी भारी।पड़ा Covid--19

कोरॉना जैसी स्थिति सवाल खड़ा करती है दैविक शक्तियों पर।
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 ये महज किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है बल्कि हम सर्व धर्मो की।आस्था का सम्मान करते हुए उन धर्म के ठेकेदारों से सवाल पूछने का साहस कर रहे है जिन्होंने धर्म को धंधा बना कर आज तक गलत प्रचारों से। अपने हजारों। अनुयायियों की भावनाओ का मजाक बना कर रखा, कोविड 19 जैसे वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए हर कोई अपने अपने नुस्खे बता रहे है , परन्तु आज पूरी ।दुनिया में ये एक वैश्विक संक्रमण है जिसने मंदिर , मस्जिदों , और चर्चो आदि पर ताले जडवा दिए ।
 देश और विदेशों में बड़े बड़े मंदिरों मठाधीशों, मौलवियों के हाथ खड़े हो गए है , जो लोग झाड़ू फूक करके अंधविश्वासिों  के चित्सक बने फिरते थे आज उन्हीं मंदिर मस्जिदों में ताले जड़े जा रहे है, न अब कालों के काल महादेव नजर आ।रहे है और नहीं कोई देव गुर जो बात बात पर चावल और सरसों के दाने से इलाज करने वालों का कही अता पता है , विश्वगुरु बताने वाले देश जिनके पास देवी देवताओं की फौज भी भारतीय सेना से अधिक और भारतीय डॉक्टरों से ज़्यादा है आज वही 33 करोड़ देवी  देवताओं के स्थानों में ताले जड़े।गए है , और। उन देवी देवताओं के तथाकथित सेनापति भी मुंह पर मास्क।लगा कर पूजा अर्चना कर रहे है, गौमूत्र को तवजों देने वालों के बीच सेनिटाइजर के उत्पादों को बनाने की और खरीदने की होड़ लग गई है, जब ये कहा जाता है कि देवता हर जगह निवास करते है तो फिर क्यों नहीं इस संक्रमण को रोक सकते ।गंगा की पूजा करने वाले देश में तो सेनिटाइजर की आवश्यकता ही क्यों पड़ह रही है किसी को हरिद्वार से गंगा जल की  सप्लाई करने की जरूरत थी, परन्तु साथियों  आस्था का खिलवाड़ सिर्फ शोषण वाली व्यवस्था को।जिन्दा रखने के लिए ही उपयोग कर सकते हो परन्तु जब अपनी जान पर बनती है तब अस्पताल ही याद आते हैं। शिक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य जैसी मूल भूत बातों पर बात करना क्यूं जरूरी है इसका उदहारण कोविड़ 19 के संक्रमण से सामने आ गया। मुझे नहीं लगता कि।अब कोई आपको गद्दर या देश द्रोही कहेगा ,क्यूंकि देश द्रोही आज वो है जिन्होंने ने सिर्फ अपने अंधविश्वास और अहंकार को।जिन्दा रखने के लिए स्वास्थ्य शिक्षा जैसे बुनियादी सेवाओं के बारे में बात करने वालों को या तो देश द्रोही कहा था या फिर पाकिस्तान भेजने की बात कही थी।
साथियों अंत में आप सभी से अपील है कि वैज्ञानिक रूप से जैसे भी इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है हम सभी को।अपने देश की सरकारों के साथ उनके।वैज्ञानिक दृष्टकोण वाले रुख पर उनका सहयोग करना चाहिए। आप सभी किसी भी अंधविशवासों।में।ना पड़े , साफ सफाई रखें और खास कर उन लोगों का ध्यान रखे जिनके घर का चूल्हा बिना काम करने से नहीं जल।सकता।

आशीष कुमार आशी

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