वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

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*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...

बहुसंख्यक लोग जो घर से काम नहीं कर सकते और रोज की कमाई से गुजर बसर करते है उनके लिए सरकार ने क्या किया

यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने बहुप्रचारित आपात संबोधन में कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए सरकार की तैयारी और लोगों की मदद के लिए की गई कार्यवाहियों के बारे में कुछ भी नहीं कहा।

पीएम ने जो संबोधन जनता के सामने रखा है उसमें प्रतीकात्मकता के अलावा कोई भी ठोस था, भारत के बहुसंख्यक लोग जो घर से काम नहीं कर सकते और रोज की कमाई से गुजर करते हैं, उनके सामने आने वाले संकट को कम करने के लिए सरकार क्या कर रही है कोरोनोवायरस से पहले ही वे मौजूदा आर्थिक मंदी का खामियाजा भुगत रहे हैं।

यह स्पष्ट है कि बंद के कारण गरीबों और हाशिए पड़े लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।
हाशिये पर पड़े इन तबकों को सरप्लस अनाज उपलब्ध कराने के बारे में सरकार क्या कर रही है?

केरल में एलडीएफ सरकार ने न केवल चिकित्सा संकट को दूर करने का बीड़ा उठाया है, बल्कि गरीबों की पीड़ा को कम करने के लिए राहत उपायों की भी घोषणा की है।

केरल ने आज 20000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की है, एक महीने के लिए सभी को मुफ्त अनाज उपलब्ध करवाया जाएगा। पेंशनभोगियों, ऑटो और बस मालिकों के लिए भी राहत उपायों की घोषणा की गई है।

प्रधानमंत्री ने इसका अनुकरण क्यों नहीं किया और पूरे भारत में इसी तरह के उपायों की घोषणा क्यों नहीं की?
सीताराम येचुरी
महासचिव
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)

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