वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

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*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...

*एक सभ्य समाज का सपना* :__ अंशुला ठाकुर

 *एक सभ्य समाज का सपना*




 *समाज का अधूरेपन को लेकर एक कहानी स्वरचित*: अंशुला ठाकुर 💕


अंधेरा घिर गया था मगर गाड़ी खराब हो गई और अब एक दूजे का हाथ थामे चलना शुरू किया, इस उम्मीद में कि आगे कहीं कोई मदद मिल जाए । "इतनी रात घर से मत निकला करो ", माँ के उपदेशात्मक स्वर मेरे जहन में गूंज रहे थे, माँ हमेशा सही कहती है ,बस हम ही नहीं सुनते उनकी बात कभी । अब डर और ठंड से बुरा हाल हो रहा था तो माँ ही याद आ रहीं थीं मुझे। 

मेरे मंगेतर साथ थे और परेशान भी मगर फिर भी  बिना कुछ कहे चले जा रहे थे , सामने थोड़ी रोशनी दिखाई दी तो हमें थोड़ा हौसला हुआ। 

थोड़ा और तेज़ी से आगे बढ़े तो देखा वहां एक चाय का स्टाॅल था ,

बाकी सब बंद हो गया था, उस चाय वाले से पास किसी ठिकाने का पूछा तो वो बोला, "आगे और घना जंगल है साहब, मैडम भी साथ है ,आप बुरा ना मानो तो मेरे घर चल दो । छोटा है मगर सुरक्षित है , सुबह होते ही आपको कोई और मदद भी मिल ही जाऐगी,रोशनी की बात अलग होती है साहब। "

मेरा डर दूर हो गया था और मैं बस यही सोच रही थी कि इंसानियत अभी भी बाकी है, काश हर इंसान में इतनी इंसानियत होती तो समाज कितना अच्छा होता ....................है ना। ।



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