जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

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 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

जातिय विभाजन पैदा कर समाजिक एकता को तोड़ने वाली ताकतों के खिलाफ हिमाचल प्रदेश के नाहन में दलित शोषण मुक्ति मंच की महारैली*




दलित शोषण मुक्ति मंच हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में  22 फरवरी को महारैली का आयोजन किया गया , जैसा कि जिला सिरमौर हिमाचल प्रदेश में दलित पर अत्याचार का केंद्र बना हुआ है , इस माह के दौरान जिला सिरमौर में ही दकेवभूमि क्षत्रिय संगठन के नेता को भी दलित शोषण मुक्ति मंच के जिला  सिरमौर की कमेटी के दबाव के चलते नाहन से गिरफ्तार कर लिया गया था जिससे जिला सिरमौर में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी , क्योंकि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष की गिरफ्तारी के बाद  जब लगातार दलित संगठनों और लोगों को टारगेट किया जा रहा था , इस समय दलित वर्ग के लोगों में विश्वास और उत्साह पैदा करने और सभी जातियों में बिखरे लोगो को एकत्रित करने के लिए 12 फरवरी की आपात बैठक  में विधानसभा सत्र को मध्यनजर रखते हुए जिला सिरमौर कमेटी ने एक विशाल रैली करने का निर्णय लिया , बैठक के बाद लगातार दलित वर्ग में ये संदेश साफ था कि दलित वर्ग की एकता को स्थापित करने के लिए इससे सुनहरा अवसर नही हो सकता , मात्र 10दिनोंकी तैयारियों के बावजूद 22 फरवरी के दिन  गाड़ियों और बसों  में जिला सिरमौर  के कोने कोने से लोगों का सिलसिला नाहन पहुंचने लगा, देखते ही देखते नाहन का बस अड्डा दलित शोषण मुक्ति मंच के नारों से गूंजने लगा , और 11 बजे तक हजारों की संख्या में लोगो का जमावड़ा लग गया, दलित शोषण मुक्ति मंच की ये रैली जिला संयोजक आशीष कुमार की अध्यक्षता में होते हुए राज्य संयोजक जगत राम की।मौजूदगी में नाहन बस स्टैंड से होते हुए मुख्य बाजार गुंनुघाट , से गुजरते हुए जिला मुख्यालय नाहन पहुंची इस महारैली की सबसे  अच्छी बात ये रही कि इसमे हर ब्लॉक् स्तर से लोगों की भागीदारी रही इस महा रैली  में मंच संचालन  जिला कमेटी सदस्य सतपाल मान ने किया  , रैली को संबोधित करते हुए जिला संयोजक आशीष कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि  दलित शोषण मुक्ति मंच न तो जातिगत मंच है ना ही राजनीतिक मंच है , मंच शोषण के खिलाफ लड़ाई किसी शोषित व्यक्ति की जाति देख कर नही  बल्कि शोषण को शोषण  मान कर  शोषण के खिलाफ आवाज उठता है,  दलित वर्ग के ऊपर हमले बढ़ते जा रहे है पहले से ही ये हमले निरंतर हो रहे थे  परन्तु  अब तो सोशल मीडिया पर पुलिस मुख्यालयों में दलित वर्ग पर लट्ठ फैरने की बाते खुले तौर पर की जा रही है , आशीष कुमार ने कहा कि इतना सब कुछ  होने पर प्रशासन कोई कार्रवाई नही करता बल्कि मूकदर्शक बना रहता है , परन्तु दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर कमेटी लागातर इस तरह के हमलों के विरुद्ध निरंतर कार्रवाई की मांग करता रहा है , आशीष कुमार ने कहा कि आज भी दलित वर्ग के अधिकारों का हनन किया जा रहा है , जो SC,ST,  कंपोनेंट प्लान का पैसा दलित वर्ग के उत्थान के लिए खर्च किया जाना चाहिए था वो पैसा आज  कभी परिवहन विभाग की बसों के लिए , कभी  मंत्रियों की गाड़ियों के लिए खर्च किया जा रहा है , जिस वजह से दलित बस्ती में आज भी बिजली पानी की बुनियादी सुविधाओं   के लिए भी तरसना पड़ता है ,आज भी बिजली पानी के वितरण में दलित वर्ग की अनदेखी की जाती है ,आशीष कुमार ने कहा कि दलित शोषण मुक्ति मंच की ये रैली समाजिक एकता को तोड़ने वाली ताकतों और जाति के नाम पर प्रदेश में विभाजन पैदा करने वाली ताकतों  को कड़ा संदेश था, क्योंकि इस रैली का मुख्य नारा ही सामाजिक भाईचारा कायम करो और संविधान विरोधी ताकतों के खिलाफ और संविधान की रक्षा में लिए था  , महासभा के दौरान ही जिला संयोजक ने  14 सूत्रीय मांग पत्र जनसभा में आये सभी लोगों से सांझा किया जिसमे मुख्य मांग इस प्रकार से थी :--

1. सरकारी अर्ध सरकारी नौकरियों में आऊटसोर्स, अनुबंध, ठेके, पार्ट टाईम, स्कीम वर्कर, पी.

टी.ए., एस.एम.सी., स्वास्थ्य वर्कर, आशा वर्कर व पंचायत स्तर पर अलग-2 रूप में सभी

प्रकार की भर्तियों में अनुसूचित जातिअनुसूचित जनजाती के लिए आरक्षण रोस्टर लागू

किया जाए।

2. सरकारी व अर्धसरकारी सभी कार्यालयों में संविधान की प्रस्तावना लगाई जाए।

3. सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में 85वें संविधान संशोधन को लागू किया जाए व बैकलॉग

को तुरन्त भरा जाए।

4. अनुसूचित जातिअनुसूचित जनजाती उपयोजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

अनुसूचित जातिअनुसूचित जनजाती की जनसंख्या के आधार पर बजट का आवंटन

किया जाए।


5. अनुसूचित जाति  अनुसूचित जनजाती अत्याचार निवारण कानून 1989 को सख्ती से लागू

किया जाए।


6. शामलात भूमि पर दलित वर्ग को भी हिस्सेदारी दी जाए


7. अनुसूचित जातिअनुसूचित जनजाती के छात्रों की स्कॉलरशिप बहाल की जाए।

8. दलितों पर हमलो, हत्याओं, जातिगत भेदभाव व महिला उत्पीड़न पर रोक लगाई जाए।

9. राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान व दिल्ली राज्य सफाई

कर्मचारी आयोग की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी सफाई कर्मचारी आयोग का गठन किया

जाए।

10. अन्तर्जातीय विवाह में 2 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाए व उन्हें सुरक्षा प्रदान की

जाए।

11. भारतीय संविधान और संविधानिक व्यवस्था के खिलाफ लिखने, बोलने और आम जनता को

भड़काने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। प्रदेश में जातीय हिंसा भड़काने व

सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले संगठनों पर प्रतिबन्ध लगाया जाए।

12. नीजि क्षेत्र में आरक्षण लागू करने के लिए कानून बनाया जाए।

13. अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाती के किसानों को खाद, बीज, दवाईयों व खेती

उपकरणों पर पहले की तरह अधिक अनुदान दिया जाए।

14. शिक्षा विभाग में वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में कार्यरत प्रवक्ताओं में से प्रधानाचार्य के पद पर

होने वाली पदोन्नति में अनुसूचित जाति के प्रवक्ताओं के लिए आरक्षण रोस्टर लागू किया

जाए। अनुसूचित जाति के जो प्रवक्ता सामान्य वरिष्ठता सूचि में आ रहे हैं उन्हें आरक्षण रोस्टर में माना जा रहा है।

 इस रैली में मुख्यता दलित वर्ग के लोगों को शामलात  भूमि में हिस्सेदारी और मुख्यता सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई आयोग और SC,ST,  का बैकलॉग भरने का था ।  इसके इलावा राज्य से आये मुख्य वक्ता राज्य संयोजक जगत राम जी ने कहा कि आज जिला सिरमौर हिमचल प्रदेश में दलित उत्पीड़न का केंद्र बना हुआ है , जगत राम ने कहा कि पंजाब के बाद सबसे ज्यादा आबादी  हिमाचल प्रदेश में दलित वर्ग की है जोकि लगभ,sc, st , की मिला कर 30 प्रतिशत के करीब बनती है , राज्य संयोजक जगत राम ने कहा  की आज हिमाचल प्रदेश के अंदर मिड डे मील जैसी योजनाओं में बच्चों को खाना खाने के लिए अलग थलग बैठा कर खिलाया जाता है , मंदिर के अंदर प्रवेश नही करने दिया जाता , राज्य संयोजक जगत राम ने कहा कि पूरे देश के अंदर दलित विरोधी मानसिकता पैदा की जा रही है , जोकि शासक वर्ग की एक सोची समझी साजिश है जिससे जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटका कर लोगों को खासकर हिमाचल  में जातियों के आधार पर ध्रुवीकरण करने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि आज सरकार के पास युवाओं को देने के लिए रोजगार और मुलभुत सुविधाये नही है , इसलिए सरकार जानबूझ कर ऐसा वातावरण तैयार कर रहा है कि कोई सरकार से रोजगार , महंगाई की बात न करे इसलिए आरक्षण के नाम पर लोगों को लड़वाया जा रहा है , राज्य संयोजक जगत राम ने कहा कि दलित शोषण मुक्ति मंच कभी भी समाज को जाति , धर्म के नाम पर बांटने की साजिश कामयाब नही होने देगा। इसके इलावा अरुण कश्यप, ददाहु खण्ड संयोजक इंदरजीत, प्रधान  विनोद, बीरबल, , बाल्मीकि सभा से हरीश कल्याण , विजय चोरियां , क्रिस्चियन कम्युनिटी से  प्रवीण सोढा,  लायक राम, नैन सिंह , और जगदीश पुंडीर ने संबोधित किया।

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