जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

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 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

इलाज के आभाव मे कब तक दौड़ता रहेगा

 केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा के नाम खुला पत्र।


सेवा में,

माननयी स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार।

कार्यालय स्थित नई दिल्ली।


विषय:---- इलाज के अभाव में तड़प  रहे लोगों के लिए कब तक दौड़ता रहेगा सुनील।


महोदय,

मैं आशीष कुमार आपको सबसे पहले तो हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की रेणुका तहसील के एक नौजवान द्वारा 3 बहुमूल्य जीवनों को बचाने के लिए लगाई गई दौड़ में एशियन रिकॉर्ड बनाने वाले सुनील के लिए पूरे प्रदेश और देश वासियों को हार्दिक बधाई देना चाहता हूँ, और साथ ही इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के टूटने पर जो सवाल मेरे दिलो दिमाग मे उपजे उन्हें आपसे पूछने की गुस्ताखी के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ। श्रीमान जी हमारे देश में आज भी आजादी के इतने लंबे समय के बाद स्वास्थ्य सुविधाएं इतनी बदतर है कि लोग इलाज के अभाव में मर रहे है। आज भी आजादी के इतने वर्षों के बाद सिर्फ 3 जिंदगियों को बचाने के लिए एक युवक चैरिटी के माध्यम से पैसा जुटा रहा है। परंतु सरकारे चाहे वो किसी भी पार्टी की हो देश मे शिक्षा और स्वास्थ्य पर  उस स्तर पर खर्च नही करती है जितनी कि जरूरत है। हमारे देश  में आज भी लोग इलाज के अभाव में है और महंगी  स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नही उठा पा रहे है। श्रीमान जी क्या देश के हर  व्यक्ति चाहे वो अमीर है या गरीब है सभी का जीवन एक जैसा  बहुमूल्य नही है। मुझे बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि  देश के  अमीर और गरीब लोगों के वोटों की तो कीमत एक है परंतु गरीब की जिंदगी को कोई महत्व नही दिया जाता है। गरीबों को सिर्फ और सिर्फ वोट बटोरने के लिए ही उनका उपयोग किया जाता रहा है।  श्रीमान जी मेरा ये मानना है कि देश के हर वर्ग के आदमी को स्वास्थ्य सुविधओं का अधिकार मुफ्त और मुफ्त मिलना चाहिए  ,  देश तथा प्रदेश में सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं होनी चाहिए। इसके लिए हम सभी को भी अपने राजनीतिक एजेंडा को पीछे छोड़ एक  सामूहिक आंदोलन करने की जरूरत है । वरना कब तक एक सुनील दौड़ता रहेगा ।उम्मीद करता हूँ कि  जिस हौंसले से सुनील ने दौड़ना शुरू किया उसी हौंसले  से सरकार भी थोड़ी  संजीदगी दिखा कर  कुछ ऐसा करने की कोशिश करे कि देश मे स्वास्थ्य सुविधाओं को गरीब की पहुंच में लाया जा सके।  आशा करता हूँ कि  आप इस विषय को गंभीरता से ले कर जरूर स्वास्थ्य सुविधाएं को बेहतर करने में प्रयास करेंगे ।  हम आपसे भी एक ऐसी ही दौड़ जो  स्वास्थ्य के क्षेत्र को बेहतर बनाने को हो की उम्मीद करते है ताकि हमारा देश भी सुनील की तरह  एशिया क्या पूरे विश्व मे स्वास्थ्य के सारे रिकॉर्ड तोड़े। सभी को स्वास्थ्य सुविधाएं मुफ्त मिल जाये। ताकि फिर किसी सुनील को सिर्फ औऱ सिर्फ इलाज के लिए पैसा जुटाने को दौड़ना न पड़े।


आपका अपना 

आशीष कुमार 

ग्राम लाना बाका

पो आफिस --डिंगर किन्नर

तहसील  पच्छाद 

सिरमौर हिमाचल प्रदेश 

पिन 173001

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