Posts

Showing posts from June, 2022

जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

Image
 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

जनजातीय क्षेत्र की सुगबुगाहट के बीच अनुसूचित जाति और obc वर्ग की चिंताएं*

Image
  जनजातीय क्षेत्र की सुगबुगाहट के बीच अनुसूचित जाति और obc वर्ग की चिंताएं                                      --------- -आशीष  कुमार ---------                                       सरकार के मिशन रिपीट की तैयारियों के चलते प्रदेश के जिला सिरमौर के ट्रंसगिरि क्षेत्र के अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के चेहरे पर एक अनकही चिंताओं को बढ़ा दिया है , जिसका जिक्र कुछ अनुसचित जाति वर्ग के बुद्धिजीवी कर रहे है , परन्तु इन 154 पंचायतों में जो इस वर्ग की चिंता है वो किसी से छुपी नही है । मगर सरकारों और  तथाकतीत सभ्य समाज के सामने ये चिंताए अदृश्य ही रहती है , या तो वो लोग इसको जान कर अदृश्य करते है या फ़िर शोषण कारी व्यवस्था को कायम रखने के लिए ये ऐसा करना आवश्यक समझते है। जब हम इस विषय पर विश्लेषण कर रहे है तो हमको सबसे पहले ये जानना जरुरी है कि जिस विषय मे ये बात चल रही है सही मायने में वो है क्या...