वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

दलित शोषण मुक्ति मंच जिला सिरमौर ने आज जारी प्रेस बयान में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा PTA पर नियुक्त अध्यापकों को नियमितीकरण पर सरकार के फैसले का स्वावग किया है , वही इस तरह की हुई भर्तियों पर भी सवाल खड़ा किया है दलित शोषण मुक्ति मंच के राज्य सह संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि इस तरह की नयुक्तियों में किसी भी प्रकार का रोस्टर लागू नही होता और भाई भतीजावाद के आधार पर इनमे भर्ती होती है जोकि सीधा SC वर्ग के अधिकारों पर डाका डालने जैसा है। आशीष कुमार ने सरकार से मांग की है PTA पर आधारित भर्तियों में जो बैकलॉग बनता है और इससे पहले का बैकलॉग को भी सरकार शीघ्र भरें , क्योंकि SC वर्ग के बैकलॉग के आधार पर अभी पूरे प्रदेश में हजरों हजार खाली पद पडे है जिनको सरकार को अति शीघ्र भरना चाहिए।
इसके इलावा आउटसोर्स के आधार पर हो रही भर्तियों। में भी भारी भ्रष्टाचार है इन भर्तियों में भी किसी तरह का रोस्टर लागू नही किया जाता जिस वजह से दलित वर्ग का प्रतिनिधित्व इस प्रकार की भर्तियों में न के बराबर रह जाता है। दलित शोषण मुक्ति मंच मांग करता है कि सरकार सरकारी अर्धसरकारी और आउटसोर्स किसी भी प्रकार की भर्तियों में रोस्टर लागू किया जाये, 85वे संविधान संशोधन को लागू किया जाए , दलित पर हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाई जाए। अपनी इन माँगों को लेकर
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