वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

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*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...

*मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र की आइसीडीएस परियोजना गोहर के झुंगी सर्कल के उन्नीस आंगनबाड़ी कर्मी कोरोना पॉजिटिव* *आंगनबाड़ी कर्मियों को बिना सुरक्षा व बीमा सुविधा के डयूटी करने के लिए किया जा रहा बाध्य* *यूनियन की मांग कि आंगनबाड़ी कर्मियों को किया जाए कोरोना डयूटी मुक्त*

 *मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र की आइसीडीएस परियोजना गोहर के झुंगी सर्कल के उन्नीस आंगनबाड़ी कर्मी कोरोना पॉजिटिव*


*आंगनबाड़ी कर्मियों को बिना सुरक्षा व बीमा सुविधा के डयूटी करने के लिए किया जा रहा बाध्य*


*यूनियन की मांग कि आंगनबाड़ी कर्मियों को किया जाए कोरोना डयूटी मुक्त*


           आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हेल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू ने आंगनबाड़ी कर्मियों के कोरोना के गिरफ्त में आने पर कड़ी चिंता जाहिर की है व इसके लिए प्रदेश सरकार को पूर्णतः दोषी करार दिया है। यूनियन ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को तुरन्त कोरोना डयूटी मुक्त किया जाए।


        आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हेल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की प्रदेशाध्यक्ष नीलम जसवाल,उपाध्यक्षा सुमित्रा देवी,खीमी भंडारी,लज़्या देवी,बिम्बो देवी,चम्पा देवी,महासचिव राजकुमारी,सचिव वीना देवी,बिमला देवी,पिंगला गुप्ता,शशि किरण,दुर्गा देवी व अंजुबाला ने संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कर्मियों की जान से खिलवाड़ कर रही है व उन्हें मौत के मुंह में धकेल रही है। उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि मुख्यमंत्री अपने इलाके की गोहर परियोजना के कर्मियों की रक्षा करने में भी पूरी तरह असमर्थ रहे हैं जिसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि इस परियोजना के झुंगी सर्कल के छब्बीस आंगनबाड़ी केंद्रों की उन्नीस कर्मी कोरोना संक्रमित पाई गई हैं। यह गम्भीर कोरोना बिस्फोट मुख्यमंत्री के इलाके में हुआ है। यह इसलिए हुआ है क्योंकि आंगनबाड़ी कर्मियों को बिना कोई सुरक्षा मुहैया करवाई उन्हें डयूटी पर भेजा जा रहा है। जब मुख्यमंत्री के इलाके के आंगनबाड़ी कर्मी ही सुरक्षित नहीं हैं तो फिर आम जनता की सुरक्षा क्या होगी। पूरे देश में डयूटी के दौरान सैंकड़ों आंगनबाड़ी कर्मियों की मौत हो चुकी है परन्तु उस से प्रदेश सरकार ने कोई सबक नहीं लिया है। इन कर्मियों को जबरन डयूटी पर भेजा जा रहा है। इन्हें न तो उचित शारीरिक सुरक्षा दी जा रही है और न ही कोविड योद्धा घोषित करके इनके लिए बीमा योजना का कोई प्रबन्ध किया गया है। इन्हें डयूटी देने के लिए बाध्य किया जा रहा है। सरकार ने बिना किसी बीमा योजना व सुरक्षा के 18 से 25 नवम्बर तक कोरोना मैपिंग के लिए आंगनबाड़ी कर्मियों को डयूटी देने के आदेश जारी कर दिए गए हैं जोकि पूरी तरह संवेदनहीन व मानवताविरोधी है। उन्होंने अंदेशा व्यक्त किया है कि यह सरकारी स्कूलों की तरह एक और कोरोना बिस्फोट को जन्म दे सकता है। उन्होंने मांग की है कि इन आदेशों को तुरन्त वापिस लिया जाए व आंगनबाड़ी कर्मियों कोरोना डयूटी मुक्त किया जाए।


               उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग को ज्ञापन प्रेषित करके हस्तक्षेप की मांग की गई है ताकि आंगनबाड़ी कर्मियों,लाभार्थी बच्चों व महिलाओं की जान की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को सरकार द्वारा डयूटी के लिए न तो बीमा कवर,सुरक्षा और न ही टीए डीए दिया जा रहा है। उन्हें कोरोना टेस्ट के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। गोहर परियोजना में कर्मियों का कोरोना टेस्ट शाम पांच बजे के बाद किया जा रहा है। इस समय उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलने के लिए बाध्य किया जा रहा है। उन्हें टेस्ट के लिए शिकारी देवी के इलाके में रात के अंधेरे में घने जंगलों में चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है जोकि किसी अनहोनी को भी न्यौता दे सकता है। यह पूरी तरह मानवता विरोधी कार्य है। उन्होंने मांग की है कि देर शाम के समय कोरोना टेस्ट करने के बजाए यह सुविधा दिन में स्थानीय जगह पर मिले। उन्होंने निदेशक से मांग की है कि वह इस मसले को उचित स्तर पर सरकार से उठाकर आंगनबाड़ी कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने चेताया है कि अगर सरकार ने इसके बावजूद भी आंगनबाड़ी कर्मियों को जबरन मौत के मुंह में धकेलने की कोशिश की तो इसका कड़ा विरोध होगा व कर्मी इसके खिलाफ प्रदेश भर में आंदोलनरत होंगे।

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