वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

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*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...

वोट डालने से वंचित मतदाता को राष्ट्रीय मतदाता दिवस का क्या महत्व:--- आशीष कुमार



आज पूरे देश मे राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है । मतदाता दिवस अगर हम हिमाचल प्रदेश के सन्दर्भ में देखे तो 17, 19, 21 जनवरी को हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में पँचयती राज संस्थाओं के चुनाव सम्पन हुए । पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव लोकतंत्र की खूबसूरती और विकास की पहली सीढ़ी है । परन्तु इस बार के पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव सवालों के घेरे में आ जाते है जब दर्जन भर लोगों के एक ही वार्ड के लोग मतदान  करने से वंचित रह जाते है। इस संदर्भ में ग्राम पंचायत लाना बाका से उपप्रधान पद का चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी आशीष कुमार और सीटू के जिला कोषाध्यक्ष ने मीडिया को बताया कि किस पर विभाग की लापरवाही से हजरों लोग जिला सिरमौर में मतदान करने से रह गए। अगर लाना बाका  की ही बात की जाए तो हर वार्ड से पूरे परिवार के परिवार मतदान करने से वंचित रह गए।जब मतदाता को मतदान करने का अवसर ही नही मिला तो वोट से वंचित मतदाता के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस का  का क्या महत्व रह जाता है । आशीष कुमार ने बताया कि इसमें सबसे ज़्यादा जो लापरवाही हुई है वे जिला सिरमौर के  जिलाधीश और जिला पंचायत अधिकारियों की है। आशीष कुमार ने कहा कि इन अधिकारियों की लापरवाही के चलते लोकतंत्र के इस पर्व में मतदाता अपना मत नही डाल सके जोकि जिला प्रशासन के लिए शर्म की बात है। इससे भी ज़्यादा शर्म की बात ये है कि जब लोगों ने समय रहते प्रशासन को ये सूचित कर दिया था उसके बावजूद भी जिला प्रशासन ने मतदातओं के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही की मतदाता वोट डाल सके जबकि विधानसभा और लोकसभा की लिस्ट के आधार पर भी मतदान किया जा सकता था परन्तु परेशान मतदाताओं के लिए प्रशासन ने कोई व्यवस्था नही की जबकि प्रशासन द्वारा ऐसा नही किया गया। आशीष कुमार ने कहा कि पूरे जिले में प्रशासन की इस लापरवाही के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा और सभी जिला के पंचायत सचिव  BDO  और DPO को      निलंबित करने की  मांग की जाएगी ।



 आशीष कुमार

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