वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

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*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...

नाहन में पीड़ित बच्ची के परिजनों को न्याय दिलाने को हर संभव मदद करेंगे==दलित शोषण मुक्ति मंच

दलित शोषण मुक्ति मंच जिला सिरमौर मंच के संयोजक आशीष कुमार ने जारी एक प्रेस बयान में अभी हाल ही में नाहन में एक 7 साल की बच्ची से हुए दुष्कर्म की।कड़ी निन्दा की है।
आशीष कुमार ने कहा कि।देवभूमि कहे जाने वाले प्रदेश और शांत जिला सिरमौर में भी इस तरह की।घटनाएं बढ़ रही है। अभी  2 दिन पहले ही निर्भया के।दोषियों को फांसी हुई परन्तु उन सबसे सबक ना लेते हुए भी दिन प्रतिदिन महिलाओं और छोटी बच्चियों के साथ इस तरह की घटनाएं घट रही है। प्रदेश के अंदर इस तरह की।घटनाएं प्रदेश और जिला।की।कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है।  एमबीएम न्यूज की।ख़बर के।अनुसार। लड़की।अनुसूचित जाति से सम्बन्ध रखती है। परन्तु घटना चाहे किसी भी समाज की लड़की।के।साथ हों वो बर्दाश्त करने लायक नहीं है । परन्तु अधिकतर मामलों में ये देखा गया की।इस तरह की घटनाएं ज़्यादातर समाज में हाशिए पर पड़े लोगो  के।साथ और उनके परिजनों को।साथ होती।रहती है।
ये घटना मात्र एक नाहन क्षेत्र की ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश और जिला के।लिए एक काले ध्ब्बे की तरह है , इस घटना ने पूरे प्रदेश को शर्मसार कर दिया है।  साथ ही दलित शोषण मुक्ति मंच पोलिस प्रशासन ये भी जानना चाहता है कि आरोपियों को पुलिस रिमांड पर न।भेज कर न्यायिक हिरासत में भेजने के पीछे उनकी क्या मंशा है , क्यूंकि।बिना पुलिस रिमांड के प्रशासन को कैसे पता चलेगा की ये एक दिन की।घटना है या काफी समय से आरोपी। बच्ची को प्रताड़ित कर रहे है।
दलित शोषण मुक्ति मंच। मांग करता है कि समय रहते पुलिस इस मामले को।गम्भीरता देखे वरना दलित शोषण मुक्ति मंच बच्ची को न्याय दिलाने और आरोपियों को।फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए किसी भी हद तक जाने से पीछे नहीं हटेंगे।

 आशीष कुमार
जिला संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच

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