जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

Image
 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

नाहन में पीड़ित बच्ची के परिजनों को न्याय दिलाने को हर संभव मदद करेंगे==दलित शोषण मुक्ति मंच

दलित शोषण मुक्ति मंच जिला सिरमौर मंच के संयोजक आशीष कुमार ने जारी एक प्रेस बयान में अभी हाल ही में नाहन में एक 7 साल की बच्ची से हुए दुष्कर्म की।कड़ी निन्दा की है।
आशीष कुमार ने कहा कि।देवभूमि कहे जाने वाले प्रदेश और शांत जिला सिरमौर में भी इस तरह की।घटनाएं बढ़ रही है। अभी  2 दिन पहले ही निर्भया के।दोषियों को फांसी हुई परन्तु उन सबसे सबक ना लेते हुए भी दिन प्रतिदिन महिलाओं और छोटी बच्चियों के साथ इस तरह की घटनाएं घट रही है। प्रदेश के अंदर इस तरह की।घटनाएं प्रदेश और जिला।की।कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है।  एमबीएम न्यूज की।ख़बर के।अनुसार। लड़की।अनुसूचित जाति से सम्बन्ध रखती है। परन्तु घटना चाहे किसी भी समाज की लड़की।के।साथ हों वो बर्दाश्त करने लायक नहीं है । परन्तु अधिकतर मामलों में ये देखा गया की।इस तरह की घटनाएं ज़्यादातर समाज में हाशिए पर पड़े लोगो  के।साथ और उनके परिजनों को।साथ होती।रहती है।
ये घटना मात्र एक नाहन क्षेत्र की ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश और जिला के।लिए एक काले ध्ब्बे की तरह है , इस घटना ने पूरे प्रदेश को शर्मसार कर दिया है।  साथ ही दलित शोषण मुक्ति मंच पोलिस प्रशासन ये भी जानना चाहता है कि आरोपियों को पुलिस रिमांड पर न।भेज कर न्यायिक हिरासत में भेजने के पीछे उनकी क्या मंशा है , क्यूंकि।बिना पुलिस रिमांड के प्रशासन को कैसे पता चलेगा की ये एक दिन की।घटना है या काफी समय से आरोपी। बच्ची को प्रताड़ित कर रहे है।
दलित शोषण मुक्ति मंच। मांग करता है कि समय रहते पुलिस इस मामले को।गम्भीरता देखे वरना दलित शोषण मुक्ति मंच बच्ची को न्याय दिलाने और आरोपियों को।फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए किसी भी हद तक जाने से पीछे नहीं हटेंगे।

 आशीष कुमार
जिला संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच

Comments

Popular posts from this blog

वंदना अध्यक्ष और श्यामा महासचिव और किरण भंडारी बनी प्रोजेक्ट पछाद की कोषाध्यक्ष*

तीन माह से केंद्र से नहीं मिल रहा मानदेय, और पोषण ट्रैकर और टी एच आर के लिए हर माह ओ टी पी के नाम पर लाभार्थी भी करते है प्रताड़ित*

मिड डे मील वर्कर्स यूनियन के विरोध के बाद मिड डे मील वर्कर्स की नहीं लगेगी हाजिरी ऑनलाइन