Posts

Showing posts from January, 2020

वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*

Image
*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*   *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य* *आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण* *Press note:----* आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता...

दलित प्रतिनिधियों का दलित उत्पीड़न पर चुप रहना भी दलित उत्पीडन को सहमति देना है।

दलित शोषण मुक्ति मंच जिला संयोजक। आशीष कुमार,और सहसंयोजक अमिता चौहान  ने जारी एक प्रेस बयान में कहा कि अभी हाल ही में पछा द विधानसभा क्षेत्र के उपमंडल राजगढ़ के दाहन गाव के घटना अभी सुर्खियों में आई है कि गांव में मंदिर निर्माण कार्य को करने से एक।व्यक्ति को  इसलिए रोक दिया गया कि  मंदिर में काम करने वाला मिस्त्री अनुसूचित समुदाय से था।जबकि  आज के  जब एक तरफ तो स्वर्ण समाज आरक्षण का विरोध कर रही है आए दिन अपनी बेरोजगारी के लिए सरकार की नीतियों की अपेक्षा  आरक्षण को जिमेवार बता कर आए  दिन विरोध करते रहते है, परंतु प्रदेश के अंदर आए दिन इस तरह की घटनाएं देखने को मिल रही है दलित शोषण मुक्ति।मंच ईस तरह की घटनाओं की कड़ी।आलोचना करता है। इस घटना में सबसे महत्वपूर्ण बात ये भी है कि अभी आए दिन राजगढ़ में एक सरकारी कर्मचारी संदीप पर जानलेवा हमला इसलिए होता है कि उसने दलित हो कर उच्च जाती के सचिव की  पंचायत में बजट की। अनियमितताओं को उजागर किया अभी ये मुद्दा किसी निष्कर्ष पर भी नहीं पहुंचा उसके बाद ये घटना हो जाती है । दलित शोषण मुक्ति मंच मांग करता है कि...

ये मौसम है साहब बदलता जरूर है

Image
कभी-कभी रुख हवा का बदलता जरूर है,  जो दिखता है डूब रहा है कहीं उगता जरूर है,  ये ना समझ कि मेरा चमन यूं ही वीरान है, अभी मौसम है खिंजा का आगे बहार है , परखने तो मिजाज मेरा ये हवाएं भी आती है,  सूखे कच्चे पत्तों को उड़ा ले भी जाती है,  दरख्तों की मजबूती भला वह क्या समझेगी , हवाएं कब भला जड़े खोद पाती है।  उलझने जिंदगी की "साथी "  उन कपड़ों की सिलवटों की तरह है,  जितना निचोड़ो उतनी चमक निखर के  आती है। आशीष कुमार साथी सिरमौर हिमाचल प्रदेश 9816163211 7018777397 ashis.kumar.panwar@gmail.com

सबको मुर्दा क्यों समझते हो

Image
                       आशीष कुमार आशी ___________________________________ सांप्रदायिकता की आड़ में मानवता खाक हो गई, अमीरों की तो कोठियां बन गई गरीबों की झुग्गियां भी राख हो गई।   मंदिर मस्जिद के सवाल में    रोजी-रोटी शिक्षा का सवाल रह गया,  दूध चढ़ता रहा पत्थरों पर , भूख से भात भात कहते एक बच्चा स्वाह हो गया  सवाल के जवाब में तुम सवाल ही पूछते हो,  कुछ तो जिंदा भी है साहब सबको मुर्दा क्यों समझते हो। यह कैसे हुक्मरान हो गए, क्या सब बेजुबान हो गए ? जो पूछे सवाल इनसे वह देश के गद्दार हो गए।  चंद पैसों के कर्जे में गरीबों के झोपड़े नीलाम हो गए ।  पक्के राष्ट्रभक्तों की आंखों से मेहुल चौकसी और विजय माल्या फरार हो गए।  जो सवाल रह गई वे सवाल पूछ डालेंगे ,  यह तो गिद्ध है साहब वरना यूं ही नोच डालेंगे,  अपना सवाल करें, "साथी, सबका सवाल करे,  इन्हें किसने हक दिया कि हमारी देशभक्ति पर शक करें ,........... आशीष कुमार आशी जिला सिरमौर हिमाचल प्रदेश Kum...

राजीव सहजल का भेदभाव पर शिकायत न करना दुर्भाग्यपूर्ण

Image
दलित शोषण मुक्ति मंच के राज्य सह संयोजक आशीष कुमार ने अभी हाल ही में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजीव सेहजाल के विधानसभा के अंदर जो उन्होंने ने बताया कि वे जब नाचन के दौरे पर थे तो उनके साथ भेदभाव हुआ उन्हें मन्दिर में जाने से रोका गया ये आज 21 वी सदी में किसी भी व्यक्ति के साथ ऐसा भेदभाव निंदनीय है, जिसकी दलित शोषण मुक्ति मंच निंदा करता है, परन्तु सबसे ज़्यादा दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि एक कैबिनेट स्तर के मंत्री ने इस मुद्दे को आज तक छुपाया और उस पर कोई एक्शन नहीं लिया ये राजीव सहजल द्वारा दलित समाज के लोगों का मनोबल तोड़ने जैसा काम किया है, । हिमाचल विधान सभा में 17 विधायक जो दलित समाज से चुन कर जाते है उनको चुन कर  विधानसभा में इसलिए भेजा जाता है कि वे अपने समाज के लोगों की आवाज बने परन्तु आजादी के 70 वर्षों बाद भी वे लोग ऐसा नहीं कर पाए,  बाबा साहब अम्बेडकर  के सविधान से ये बराबरी का हक तो मिल गया परन्तु हम उसको लागू नहीं करवा पाए , बड़ी शर्म की बात तो ये है कि जो प्रतिनिधि दलित समाज से विधानसभा में चुन कर जाते है विधानसभा में जाने के बाद ये लोग अपने समाज का नहीं बल्कि अ...

#छपाक़ Brave JNU

Image
रास्ते में मुश्किलें भी बहुत है मगर ठहरता कौन है। मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है। तेरे लश्कर के  मुकाबील में अकेला हूं मगर फैसला मैदान में होगा कि मरता कौन है। #छपाक

#आखिर क्यों बर्फबारी और भारी बारिश में भी सड़कों पर था देश का मजदूर वर्ग

Image
राष्ट्रीय आह्वान पर नाहन में ट्रेड़ यूनियनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। विभिन्न यूनियनों से संबंधित पदाधिकारी व कार्यकर्ता सुबह के समय बस स्टेंड़ नाहन में एकत्रित हुए, भारी बारिश में मजदूरों के उत्साह से पूरा बस स्टैंड लाल झंडों से लाल समंदर में तब्दील  हो गया, तमाम संगठनों के नेताओं ने सरकार की असलियत मजदूरों के सामने रख दी, मंच का संचालन सीटू के जिला कोष्ध्यक्ष आशीष कुमार ने किया जिसमें उन्होंने ने क्रांतिकारी  कविताओं से मजदूरों में जोश भर दिया। इसके बाद अलग अलग यूनियनों के नेताओं ने सरकार को जाम कर लताड़ लगाई और ये प्रण लिया की  अगर  समय रहते सरकार नहीं जागी तो सरकार को इसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे,इसके बाद डीसी  सिरमौर के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। इस दौरान सीटू के जिला महासचिव और संयुक्त समन्वय समिति के संयोजक राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश में मजदूर वर्ग व किसानों को शोषण किया जा रहा है। मजदूरों का उतपीडऩ किया जा रहा है। केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण छोटे उद्योगों पर बुरा असर पड रहा है। महंगाई कम होने...

देश बचाओ , मुद्दों पर आओ

Image
कुछ मजहबी दरिंदो से मजहब बचाने कि सोचते है, चंद आजाद अमीर लोगों से गरीब गुलामों को छुड़ाने की सोचते है, आजकल के नेता जो जाती धर्म के नाम पर वोट बढ़ाने की सोचते हैं। हम है की शिक्षा और रोजगार फैलाने की सोचते हैं वो हमे तोड़ (धर्म जाति में बांट) कर बखेरने की सोचते है हम है की बिखरे कांचों को भी जोड़ने की सोचते हैं। वो सोचते है सिर्फ आकाश में नारे उछालने की हम है की जड़े पाताल तक ले जाने की सोचते है अगर उलझना को चाहे कोई तुमसे "आशी" तो याद रखना कि हम भगत कि तरह खेतों में बंदुखे उगाने की सोचते हैं। आशीष कुमार आशी  तहसील पच्छा द , जिला सिरमौर , हिमाचल प्रदेश। माकपा जिला कमेटी सदस्य 9816163211 7018777397

दलित शोषण मुक्ति मंच और महिला समिति द्वारा आयोजित सावित्री बाई फूले जन्मदिवस पर विशेष आयोजन

Image
*एक ऐसा वक्त जब देश मे अनुसूचित जातियों व देश की आधी आबादी महिलाओं को शिक्षा से वंचित किया जाता था ऐसे में महाराष्ट्र में सावित्रीबाई फुले ने पति महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर अपनी 17 वर्ष की उम्र में पुणे में 9 लड़कियों/महिलाओं की शिक्षा को लेकर 1848 में एक स्कूल की ही स्थापना कर दी। सोचकर देखिए एक रूढ़िवादी पुरुषात्मक समाज में ये कार्य एक महिला, वो भी दलित के लिए कितना दुष्कर रहा होगा।* आज 03 जनवरी को सावित्रीबाई फुले के 189वें जन्मदिन के अवसर पर 'दलित शोषण मुक्ति मंच रामपुर' की किसान-मजदूर भवन चाटी में हुई एक परिचर्चा में मंच के जिला समन्वयक ओम प्रकाश भारती ने ये बात रखी। 'मंच' में चर्चा के बताया गया कि उस जमाने मे 9 वर्ष की उम्र में व्याह कर लायी सावित्रीबाई फुले ने, पहले पति ज्योतिबा फुले व एक मिशनरी स्कूल से शिक्षक का प्रशिक्षण लिया फिर मात्र 17 वर्ष की आयु में अपने पति के साथ मिलकर एक महिला विद्यालय की स्थापना की। अगले 6 वर्ष में उन्होंने 8 महिला स्कूल की स्थापना कर डाली और समाज के महिला-शिक्षा व दलित शिक्षा विरोधी रूढ़िवादी समाज को आईना दिखाया। अपने पूरे ...