जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

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 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

ठियोग विधायक सिंघा ने दिया 11 महीने का वेतन सीएम राहत कोष में

राकेश सिंघा।ठियोग के  पहले विधायक जिन्होने 11 महीने की सैलरी सीएम राहत कोष कोविड19 को दी।
  गौरतलब यह है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जहा पर केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन में कटौती का अध्यादेश जारी कर किया है। इसके तहत वेतन में 30 फीसदी की कटौती की जाएगी।वही हिमाचल के सभी विधायको के वेतन-भत्तों में  30% की कटौती तथा विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना 2 वर्ष के लिए स्थगित कर यह राशि कोविड-19 से निपटने के लिए खर्च होगी ।
  इसी बीच ठियोग विधायक राकेश  सिंघा ने अप्रैल से दिसंबर 2020 तक की आने वाली अपनी सैलरी  मुख्यमंत्री   राहत कोष कोविड-19 में दे दी है तथा इससे पहले भी 2 महीने की सैलरी सीएम राहत कोष कोविड-19 में डाल चुके हैं  ।
बता दें कि राकेश सिंघा एक पहले ऐसे विधायक  हैं जिन्होंने अपनी 11 महीने की सैलरी सीएम राहत कोष में डाल दी है।
राकेश सिंघा से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह समय हमारे किसान मजदूर कर्मचारी वर्ग और सभी वर्ग के आदमी के लिए यह बहुत बुरा समय है इस समय मैं हमें यथासंभव प्रयास करना चाहिए, कि हम इस क्रोना वैश्विक महामारी से किस तरह से अपने देश को बचाए, जितना हम से हो सकता है उतना मैं यथासंभव प्रयास आगे भी करता रहूंगा ।
 लोगों के लिए यह संदेश दिया है कि आप लोग घर से बाहर ना निकले, दिए गए समय पर ही निकले और ज्यादा से ज्यादा आप अपना वक्त अपने घर पर ही बताएं ताकि हम इस वैश्विक महामारी से लड़ने में कामयाब हो ।

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