जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

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 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

मज़दूरों को राशन न मिलने पर कॉमरेड राकेश सिंघा धरने पर बैठे, तहसीलदार और SDM पर बरसे

मज़दूरों को राशन न मिलने पर कॉमरेड राकेश सिंघा धरने पर बैठे, तहसीलदार और SDM पर बरसे

 April 20, 2020
ठियोग के सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा ने आज एसडीएम शिमला के कार्यालय के बाहर धरना दे दिया। उनका प्रशासन पर आरोप है की शिमला में फंसे मज़दूरों को राशन मुहैया नहीं करवाया जा रहा है। शिमला में 20 से 25 हज़ार मज़दूर हैं जिनको खाना नहीं मिल रहा है। जबकि प्रशासन 1200 मज़दूरों की लिस्ट लेकर घूम रहा है। इस दौरान उनको एसडीएम ऑफिस के तहसीलदार के साथ कहासुनी भी हो गई। एसडीएम शिमला को भी सिंघा ने खूब खरी खोटी सुनाई और एसडीएम पर खूब बरसे।

सिंघा का आरोप है कि मज़दूरों को प्रशासन राशन नहीं दे पा रहा है। उनको हर दिन मज़दूरों के फोन आ रहे हैं। मजबूरन उन्हें धरने पर बैठना पड़ा जब तक शिमला के सभी मज़दूरों को राशन नही मिल जाता है तब तक वह यहां बैठे रहेंगे। मज़दूरों को यदि उचित खाना नहीं मिलेगा तो वह कारोना की चपेट में सीघ्र आएंगे क्योंकि अच्छा खाना न मिलने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाएगी। प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है।

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