जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

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 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

22 को विधानसभा घेरेंगे मिड डे मील कर्मी


*22 सितम्बर को जिला सिरमौर से विधानसभा घेराव मे शामिल होंगे 300 मिड डे  मील कर्मी*


मिड डे  मील वर्करज यूनियन नहान  खंड  की बैठक आज सीटू कार्यालय नाहन मे आयोजित की गई बैठक मे सीटू जिला सिरमौर महासचिव आशीष कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे  बैठक मे मिड डे  मील की माँगों  पर चर्चा की गई , मिड डे  मील यूनियन कि जिला महासचिब निर्मला ने बताया की पिछले 4 महीनों से मिड डे  मील वर्करज को वेतन नहीं मिल रहा है। यूनियन  की बैठक मे चर्चा की गई की एक सरकार द्वारा बढ़ाया हुआ वेतन तो दूर बल्कि पहले से निर्धारित मनादेय तक वर्करों को नही मिल रहा है । बैठक को सम्बोधित करते हुए सीटू जिला  महसचिव आशीष कुमार ने कहा की केंदर सरकार ने मिड डे  मील वर्करों के बजट मे जो कमी की है उसके हि परिणाम है की मिड डे  मील कर्मियों को।वेतन नही  मिल रहा है । आशीष कुमार ने केंदर सरकार और प्रदेश सरकार पर मिड डे  मील वर्करों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है, आशीष कुमार ने कहा की  ।मिड डे मील वर्कर्स यूनियन 22 सितंबर 2023  शिमला में

 विधान सभा प्रदर्शन करने जा रही है जिसमे जिला सिरमौर से भी अपनी मांगों को।लेकर् 300 के करीब कर्मी शिमला  विधानसभा का घेराव करने जाएंगे । ये घेराव मिड डे  मील वर्कर्ज  की निम्नलिखित मांगों को ले कर होगा 

 मुख्य मांगे इस प्रकार है 


 1  मिड डे मील वर्कर्स को 11250 रुपए प्रति माह वेतन दिया जाए।

 2  मिड डे मील वर्कर्स को प्रति माह पहली तारीख को आवश्यक रूप से वेतन का भुगतान किया जाए।

 3  माननीय हाई कोर्ट द्वारा मिड डे मील वर्कर्स को 10 महीने के बजाय 12 महीने का वेतन देने  के फैसले को तुरंत लागू किया जाए ।

4   मिड डे मील वर्कर्स को आंगनबाड़ी की तर्ज पर छुट्टियां दी जाए । 

5  मिड डे मील वर्कर्स को साल में दो वर्दी दी जाए ।

6  प्रत्येक स्कूल में दो मिड डे मील वर्कर्स की नियुक्ति की जाए ।

7  मिड डे मील वर्कर्स की नौकरी से संबंधित 25 बच्चों की शर्त को हटाया जाए। 

7  मिड डे मील वर्कर्स को अतिरिक्त कार्य करवाने का अतिरिक्त वेतन दिया  जाए । 

8 बंद किए स्कूलों में अन्य स्टाफ की तरह मिड डे मील वर्कर्स को भी दूसरे स्कूलों में नौकरी दी जाए।

9  महिला मिड डे मील वर्कर्स को राज्य में अन्य महिला कर्मचारियों की तर्ज पर रक्षाबंधन करवा चौथ व भाई दूज की वेतन सहित छुट्टियां दी टूट जाए ।

 बैठक मे जोगिंदर, रमेश , विजय पाल, लता ,आशा , बाला राम , अंजू ,भारती ,सुनीता,विमला , आाशा आदि दर्जनों लोग शामिल हुए

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