जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

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 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

कमेटी सब कमेटी बनाने के नाम पर कर्मचारियों से छलावा बंद करे सरकार* आशीष कुमार

 *कमेटी सब कमेटी बनाने के नाम पर  कर्मचारियों से  छलावा बंद करे सरकार*   आशीष  कुमार 



सीटू जिला महासचिव आशीष कुमार ने जारी के प्रेस ब्यान मे कहा की   पिछले 10 दिनों से प्रदेश भर में 88 ब्लॉकों के 4700 जिला परिषद कैडर कर्मचारी कलम छोड़ हड़ताल पर हैं. इन कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें ग्रामीण विकास विभाग और पंचायती राज विभाग में विभाग में विलय किया जाए. इसी कड़ी में  जिला सिरमौर्  में भी पिछले 10 दिनों से जिला परिषद कैडर कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं. आशीष कुमार   ने कहा पिछले 10 , से 12 दिनों  से  से कर्मचारी  अपनी मांग को लेकर कलम छोड़ो हड़ताल पर है, लेकिन सरकार इसको लेकर कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रही है. जब पूर्व की भाजपा सरकार में वे हड़ताल पर बैठे है तो उस समय कांग्रेस नेताओं ने उनकी हड़ताल में आकर समर्थन किया था. साथ ही उन्हें आश्वासन दिया था कि जब कांग्रेस की सरकार बन जाएगी तो पहले ही दिन जिला परिषद कैडर कर्मचारियों को विभाग में विलय की मांग को पूरा कर दिया जाएगा, लेकिन सरकार को बने 10 महीने हो चुके हैं, फिर भी सरकार इसकी ओर ध्यान नहीं दे रही है.आशीष कुमार  ने कहा पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह से भी ये कर्मचारी अपनी   मांग को लेकर मुलाकात कर चुके है .परन्तु  सरकार द्वारा सब कमेटी बनाने की बात कही जा रही है. जिसके लिए कर्मचारी तैयार नहीं है, आशीष कुमार् ने कहा किं ये मात्र जिला परिषद कैडर  का हि प्रश्न नही है  बल्कि आउटसोर्स कर्मियों के साथ भी कमेटी बंनाने के नाम पर छलावा हि हुआ है ,  क्योंकि पूर्व की भाजपा सरकार ने भी सब कमेटी बनाने की बात जिला परिषद केडर  को भी और आउटसोर्स कमरमियों के लिए भी   कही थी, परन्तु न भाजपा न कांग्रेस इस माँग को  पूरा नहीं कर पाए। परन्तु जैसे हि सरकार  कांग्रेस की बनी तो कर्मियों को कुछ उम्मीद जागी थी  लेकिन सुखु  सरकार भी इसकी तरफ ध्यान नहीं दे रही है. आशीष कुमार ने कहा की हिमाचल के 88 ब्लॉकों में 4700 जिला परिषद कैडर कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पंचायतों में होने वाले विकास कार्य पूरी तरह से ठप है , भारी बारिश के कारण जो लोगों के आशियाने, रास्ते और खेत तबाह हुए है इस वजह से वे सभी विकास कार्य बिल्कुल ठप  हो गये है । आशीष कुमार ने कहा की सरकार बार बार आपदा का रोना रो रही है , परन्तु सरकार ये भी जवाब देन की इन कर्मचारियों पर क्या गुजरी होगी जो सरकार की योजनाओं  को धरातल पर लागु कर रही है , सरकार का ये कहना की ये सरकारी कर्मचारी नहीं है इस बात का अंदाजा शायद सरकार मे बैठे नुमाइयंदे  नहीं लगा पा रहे है की इन कर्मचारियों पर दिये गये ऐसे ब्यान कर्मचारियों के लिए आपदा से कम नही हैं जिन्होंने अपना पुरा जीवन इस विभाग मे लगा दिया और अब सरकार का इनको अपना कर्मचारी मानने से हि इंकार करना शर्मनाक है ।  आशीष कुमार ने कहा। की सीटू जिला सिरमौर पहले भी और आगे भी इन कर्मचारियों के जायज मांगों के लिए किये गये आंदोलन का समर्थन करते हैँ और कर्मचारियों को हर सम्भव मदद का भी आश्वासन देते है।

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