जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

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 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

मिनी आंगनवाड़ी पर आंच आई तो होगा निर्णायक आंदोलन :--सीटू


 आज आंगनवाड़ी वर्करज एवम हेल्परज यूनियन  प्रोजेक्ट पछाद ने राज्य कमेटी के आह्वाहन पर 11 सितम्बर से 21 अक्टूबर तक चलने वाले विरोध प्रदर्शन  के पहली कड़ी में  प्रदर्शन की शुरुवात करी  और इस कड़ी में 12 सूत्रीय मांग पत्र sdm  सरान्ह  के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा । प्रदर्शन की अध्यक्षता प्रोजेक्ट सरान्ह  अध्यक्ष शबनम,  सुनीता और शामा  ने की  , इस प्रदर्शन में आंगनवाड़ी यूनियन राज्य महसचिव वीना  शर्मा और सीटू जिला महसचिव आशीष कुमार भी उपस्थित रहे । प्रदर्शनकारी पुराना बस अड्डा सरान्ह से बाजार होते हुए sdm  कार्यालय पहुँचे । प्रदर्शन  को सम्बोधित करते हुए आंगनवाड़ी यूनियन की राज्य महसचिव वीना  शर्मा और सीटू जिला महासचिव आशीष कुमार ने कहा की  केंदर सरकार की मिनी आंगनवाड़ी वर्करज को बंद करने की जो मंशा है यूनियन उसका विरोध करती है  और साथ ये भी मांग करती है की मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रो मे काम करने वाली वर्करज का मानदेय तुरंत दिया जाए और इन केंद्रो  को अपग्रेड किया जाए।  यूनियन ने प्रदेश और केंदर सरकार से मांग की है की आंगनवाड़ी विरकर्ज को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए और हरियाणा की तर्ज पर वेतन दिया जाए।  प्रदर्शन को सुनीता , शामा,  शबनम,अनुराधा ,शीला ने भी सम्बोधित किया।

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