जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

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 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*




*वेलफेयर डिपार्टमेंट का कार्य देने से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उदेश्य होंगे प्रभावित*


  *जब काम ही आंगनवाड़ी वर्कर ने करना है तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का नहीं है कोई औचित्य*


*आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का हो संरक्षण*



*Press note:----*


आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज यूनियन संबंधित सीटू की राज्य अध्यक्ष नीलम जसवाल और वीना शर्मा ने जारी एक प्रेस ब्यान में कहा की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर विभाग का काम थोपने का निर्णय अत्यधिक चिंताजनक है।  कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त काम करवाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे बाल विकास विभाग के कार्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वीना  शर्मा , नीलम जसवाल  ने बताया की 

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। यदि वेलफेयर विभाग का कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ही करना है  तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद  का क्या औचित्य और वेलफेयर डिपार्टमेंट का क्या कार्य रह जाता है ,  *इसके अलावा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पहले से पोषण ट्रैकर में    फेस कैप्चरिंग का कार्य दिया गया है, जिसमे अभी तक 100 प्रतिशत टारगेट पुरा नहीं हो पाया है , जिसका कारण  अच्छे फोन और कम खराब नेटवर्क का होना   है।* आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के  पास  पहले ही  संदर्भ सेवा, एवं टीका करण, शाला पूर्व शिक्षा, पोषाहर,  आदि विभाग के  कार्य है  जोकि इस परियोजना का उदेश्य भी है ,  यूनियन पदाधिकारियों ने कहा की   अन्य विभाग का *अतिरिक्त कार्य देने से  महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य उद्देश्य प्रभावित  होंगे*। ऐसे में अतिरिक्त काम थोपना   भी अधिक समस्याएं पैदा करेगा और यदि वेलफेयर विभाग के कार्य भी महिला एवं बालविकास  को ही करना है तो तहसील कल्याण अधिकारी और वेलफेयर विभाग का कार्य क्या रह जाता है।


हमारी मांग है कि:


- *काम का पुनर्मूल्यांकन*: वेलफेयर विभाग के कार्यों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर थोपने के बजाय, उनके लिए अलग से व्यवस्था की जाए।

- *आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का संरक्षण*: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का संरक्षण किया जाए और उनके साथ न्यायपूर्ण व्यवहार किया जाए।

- *निर्णय वापस लेने की मांग*: विभाग इस निर्णय को तुरंत वापस ले और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर जबरदस्ती काम न थोपे।


हम विभाग  से आग्रह करते हैं कि वह इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का संरक्षण करे।

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