जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

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 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

प्रमोशन में आरक्षण लागू करवाने के मुद्दे को लेकर 16 सितंबर को करेंगे विधानसभा का घेराव:---- विवेक कश्यप

 

दलित शोषण मुक्ति मंच 16 सितंबर को विधानसभा पर प्रदर्शन करेगा दलित शोषण मुक्ति मंच का मानना है कि पिछले काफी समय से हिमाचल प्रदेश में  दलितों पर हमले बढ़ते जा रहे है कि केदार जिंदान्न ,रजत,विमला देवी इन लोगो को तो मौत के  घाट तक उतार दिया।

 



शिमला जिला की बात करे तो यह भी स्थित ठीक नहीं है दलितों को आज भी मंदिरों में प्रवेश की इजाजत नहीं है आज भी छुआछूत का सिलसिला जारी है दलित यदि देवतो को छू ले तो उनसे मार पिटाई की जाती है जब थाने में शिकायत कि जाए तो atrocity act के तहत शिकायत दर्ज नहीं होती मामला दबाने की कोशिश की जाती है 

आज भी sc/st उपयोजना के तहत जो पैसा दलित बस्तियों के लिए  आता है वहा पहुंचता  ही नहीं नहीं है आरक्षण को समाप्त किया का रहा है 

दलित शोषण मुक्ति मंच जिला शिमला इकाई ने तह किया है कि 16/सितंबर को विधानसभा पर प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लेंगे । 

सरकार से दलितों पर हो  रहे शोषण के खिलाफ कानून को सख्ती से लागू किया जाए। sc st उपयोजना के तहत दलित बस्तियों तक विकास के लिया बजट दिया जाए । आउटसोर्स/कॉन्ट्रेक्ट पर जो  भर्तियां  हो रही है उसमे आरक्षण लागू किया जाए इन मांगों को लेकर 16 सितंबर को विधानसभा के बाहर हो रहे प्रदर्शन में जिला के हर ब्लॉक।से लोग हिसा लेंगे

                    

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