जातिगत उत्पीड़न के प्रश्न पर सीपीआई (एम) का स्पष्ट स्टैंड उसकी विचारधारा की मज़बूती

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 *रोहड़ू  में सीपीआई(एम ) नेताओं  का  रास्ता  रोकना:-- दलित वर्ग के मनोबल को तोड़ने का प्रयास ।* सीपीआई (एम ) ने जातिगत उत्पीड़न पर खुला स्टैंड ले कर हमेशा अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता साबित की है   :-----आशीष कुमार संयोजक दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर  हिमाचल प्रदेश की हालिया राजनीतिक घटनाएँ यह दिखाती हैं कि जब भी दलित समाज अपनी एकता, चेतना और अधिकारों के साथ आगे बढ़ता है, तब सवर्ण वर्चस्ववादी ताक़तें बेचैन हो उठती हैं। रोहड़ू क्षेत्र में घटित घटना इसका ताज़ा उदाहरण है — जब 12 वर्षीय मासूम सिकंदर की जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर हुई हत्या के बाद सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा और राज्य सचिव संजय चौहान पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे, तब कुछ तथाकथित “उच्च” जाति के लोगों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया। यह केवल नेताओं को रोकने की कोशिश नहीं थी, बल्कि दलित वर्ग की सामूहिक चेतना और हिम्मत को कुचलने का सुनियोजित प्रयास था।अगर वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते, तो यह संदेश जाता कि “जब हमने सिंघा और संजय चौहान को रोक लिया, तो इस क्षेत्र के दलितों की औक...

SFI के 29 वें सम्मेलन मे राहुल शर्मा, और रोहित चौहान बने जिला के अध्यक्ष और सचिव


 आज दिनांक 24 दिसंबर 2023 को एस एफ आई सिरमौर जिला इकाई का 29 वां जिला सम्मेलन आयोजित हुआ । सम्मेलन की शुरुआत "स्वाधीनता जनवाद व समाजवाद" के झंडा फहराने के साथ हुई । सम्मेलन में सिरमौर जिला के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से 60 से अधिक छात्रों ने भाग लिया । समारोह का उद्घाटन करते हुए SFI राज्य सचिव कॉमरेड अमित ठाकुर ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा शिक्षा के ढांचे को ध्वस्त करने का काम करेगी । जिस से शिक्षा  " सांप्रदायीकरण वा निजीकरण " के गर्त में जाने का खतरा बना हुआ है । यह नीति निजी शिक्षण संस्थानों को खुली लूट करने का अवसर देने वाली है । साथ ही वर्तमान में प्रदेश की सत्ता पर काबिज वर्तमान कांग्रेस सरकार की हालत ऐसी है कि कांग्रेस पार्टी पूरे देश के अंदर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विरोध में प्रचार करती है लेकिन हिमाचल प्रदेश के अंदर उसी नीति को लागू करने के काम करने में लगी है । साथ ही शैक्षणिक सुधार या शैक्षणिक अनुशासन के नाम पर छात्रों के जनवादी अधिकारों का गला घोंटा जा रहा है । जिसका उदाहरण केरल, जवाहर लाल विश्वविद्यालय दिल्ली से लेकर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंदर छात्रों के ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज करवाने से लेकर छात्रों का निष्कासन के रूप में देखा जा सकता है । इसके बाद सभी इकाइयों से आए प्रतिनिधियों ने वार्षिक रिपोर्ट पर चर्चा की और आने वाले समय के अंदर होने वाली गतिविधियों व जिला के अंदर छात्र आंदोलन को विस्तार देने के लिए योजना तैयार की । सम्मेलन के अंत में 23 सदस्यीय कमेटी का चुनाव हुआ । सम्मेलन ने कॉमरेड राहुल शर्मा को अध्यक्ष और कॉमरेड रोहित चौहान को सचिव का दायित्व दिया । साथ ही कॉमरेड देवेंद्र सहोता को जिला उप अध्यक्ष व कॉमरेड अमृत सिंह को जिला सह सचिव चुना गया ।

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